Fasal Nuksaan Muaavja: राम राम किसान भाइयों, जैसा की आप सभी को मालूम है कि पिछले वर्ष कपास और नरमा की फसलें अत्यधिक बरसात और गुलाबी सुंडी की वजह से प्रभावित हुई थीं, जिससे किसानों को बहुत अधिक नुकसान झेलना पड़ा था। कुछ किसानों ने फसल बोते समय ही अपनी फसल का बीमा करवा लिया था। फसल बीमा करवाने से फसल को तो खराब होने से नहीं बचाया जा सकता, लेकिन अगर प्राकृतिक कारणों से फसल को कोई नुकसान होता है, तो किसान को उस फसल के खराब होने का मुआवजा बीमा कम्पनी वहन करती है।
फसल नुकसान मुआवजा का लाभ
इस मुआवजे का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिन्होंने अपनी फसल का बीमा करवाया होता है। हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा पिछले वर्ष खराब हुई कपास/नरमा की फसलों की बीमा राशि जारी की गई है। मुआवजे की राशि बीमाधारक किसानों के खातों में सीधे ट्रांसफर की गई है। मुआवजे की राशि केवल किसानों की फसल में हुए नुकसान की भरपाई करने हेतु होती है।
कितनी मुआवजा राशि मिली है किसानों को?
हरियाणा सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री कंवरपाल जी ने जानकारी दी है कि वर्ष 2023 में जिन किसानों की कपास/नरमा की फसलें बरसात और गुलाबी सुंडी के कारण नष्ट हो गई थीं, उनके लिए सरकार मुआवजे की राशि जारी कर रही है। यह मुआवजे की राशि हरियाणा के 7 जिलों में जारी की गई है, जिनमें सोनीपत, महेंद्रगढ़, जींद, गुरुग्राम, अंबाला, हिसार और करनाल शामिल हैं। इन सात जिलों में लगभग 15314 किसानों को फसल नुकसान के मुआवजे के रूप में 65 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। यह राशि पात्र किसानों के सीधे बैंक खातों में डाली जा रही है ताकि उन्हें सीधे लाभ पहुंचाया जा सके।
वर्ष 2024 के लिए फसल नुकसान मुआवजा
वर्ष 2024 में फसलों को नुकसान से बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए अलग-अलग क्लस्टर के लिए अलग-अलग बीमा कंपनियों को चुना है। एक नंबर क्लस्टर के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस बीमा कंपनी, दो नंबर क्लस्टर के लिए एचडीएफसी एग्रो कंपनी और तीन नंबर क्लस्टर के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी को चुना गया है।
केसीसी (KCC) में फसल बदलने पर जानकारी देना जरूरी
अगर कोई किसान अपनी किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) में रिकॉर्ड की गई फसल के अलावा कोई और फसल बोते हैं, तो उन्हें अपने बैंक में जाकर इसकी सूचना देना अनिवार्य है। अगर फसल की सही जानकारी नहीं देंगे, तो फसल का नुकसान होने पर उन्हें मुआवजे का लाभ नहीं मिल पाएगा। बैंक के अलावा अगर कोई किसान स्वयं अपनी फसल का बीमा करवाना चाहता है, तो वह अपने नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट से करवा सकते हैं।
फसल नुकसान मुआवजा कैसे चेक करें?
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री कंवरपाल जी ने जानकारी दी है कि वर्ष 2023 में जिन किसानों की कपास/नरमा की फसलें बरसात और गुलाबी सुंडी के कारण नष्ट हो गई थीं, उनके लिए सरकार मुआवजे की राशि जारी कर रही है। इस राशि को किसानों के खातों में पहुंचने में एक या दो दिन का समय लग सकता है। अगर किसी किसान के खाते में कोई समस्या आ रही है, तो मुआवजे की राशि आने में एक या दो दिन से अधिक समय भी लग सकता है।
मुआवजे की राशि चेक करने के लिए आप इन स्टेप्स का प्रयोग कर सकते हैं।
- अपने संबंधित बैंक में जाकर या बैंक के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके अपनी मुआवजे की राशि का पता कर सकते हैं।
- यदि आपका मोबाइल नंबर आपके बैंक खाते के साथ जुड़ा हुआ है, तो आपको उस पर मैसेज आ जाएगा कि आपके खाते में मुआवजे की राशि भेज दी गई है।
- बैंक खाते की पासबुक में स्टेटमेंट की एंट्री करवा कर भी मुआवजे की राशि का पता किया जा सकता है।
कितना फसल नुकसान मुआवजा दिया जाता है?
फसल नुकसान मुआवजे में किसान को फसल के 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत मुआवजा पाने का हकदार होता है। 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर बीमा कंपनी के द्वारा किसान को मुआवजा दिया जाता है। फसल में नुकसान होने की सूचना बीमा कंपनी को नुकसान होने के 72 घंटों के भीतर किसान द्वारा देनी होती है।
बीमा कंपनी के साथ-साथ किसान को कृषि विभाग के कर्मचारियों को भी इस नुकसान से अवगत करवाना होता है। इसके बाद ही किसान बीमे की राशि पाने का हकदार होता है। जिन किसानों का नाम प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के मुआवजे की लिस्ट में आएगा, केवल उन्हीं किसानों को मुआवजे की राशि दी जाएगी। अन्य किसी को भी मुआवजे की राशि नहीं दी जाएगी।
इस प्रकार, फसल नुकसान मुआवजे का लाभ उठाने के लिए जरूरी है कि किसान अपनी फसलों का बीमा कराएं और किसी भी प्रकार के नुकसान की स्थिति में तुरंत सूचना दें।